राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ के शुभारम्भ कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
इस वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) में भारत की त्वरित प्रगति को प्रदर्शित किया गया है। इस समारोह में राष्ट्रपति ने कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य कर्मियों, समुदाय के नेताओं और नागरिकों के अथक प्रयासों की सराहना की और टीबी उन्मूलन के लिए भी इसी तरह का सामाजिक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के राज्यपालों द्वारा टीबी मुक्त भारत की दिशा में की गई पहलों को प्रदर्शित करती वीडियो फिल्म भी दिखाई गई।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार के अलावा अन्य केंद्रीय मंत्रीं, विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल-उपराज्यपाल, राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रीं और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। वर्चुअल कार्यक्रम में राज्यों और जिलो के स्वास्थ्य अधिकारी, उद्योग जगत और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ टीबी चौंपियंस ने भी भाग लिया तथा इस उच्च संक्रामक रोग के उन्मूलन के लिए निर्धारित किए गए वैश्विक लक्ष्य 2030 को पांच वर्ष पहले ही यानि वर्ष 2025 तक हासिल करने की प्रतिबद्धता दोहराई।
राष्ट्रपति ने टीबी उपचार के संबंध में अतिरिक्त निदान, पोषण और व्यावसायिक सहायता सुनिश्चित करने के लिए निक्षय मित्र पहल की भी शुरुआत की। उन्होंने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, कॉरपोरेट्स, गैर सरकारी संगठनों और अन्य लोगों को दान दाताओं के रूप में आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया ताकि मरीजों को स्वास्थ्य लाभ में सहायता मिल सके।
निक्षय 2.0 पोर्टल (https://communitysupport.nikshay.in/) टीबी के मरीजों के उपचार के परिणामों में सुधार के लिए अतिरिक्त रोगी सहायता प्रदान करेगी तथा वर्ष 2025 तक टीबी को समाप्त करने के लिए सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने और कॉरपोरेेट सामाजिक उत्तरदायित्व का लाभ उठाते हुए भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करने में मददगार साबित होगा।