प्रधानमंत्री ने चंबा में दो जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला रखी

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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)-3 का शुभारंभ किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रदेश के चंबा जिला में दो जलविद्युत परियोजनाओं 48 मेगावाट चांजू-3 हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट और 30 मेगावाट देवथल चांजू हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी। इन दोनों परियोजनाओं से वार्षिक 270 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होगा और प्रदेश को लगभग 110 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व प्राप्त होगा।

प्रधानमंत्री ने राज्य में लगभग 3125 किलोमीटर सड़कों के उन्नयन के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)-3 का भी शुभारंभ किया। केंद्र सरकार द्वारा पीएमजीएसवाई-3 के शुरूआती चरण में राज्य के 15 सीमावर्ती और दूर-दराज के ब्लॉकों में 440 किलोमीटर सड़कों के उन्नयन के लिए 420 करोड़ से अधिक रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

इस अवसर पर चंबा के चौगान में जनसभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दो दिन पहले उन्होंने महाकाल की नगरी उज्जैन की यात्रा की और आज वह मणिमहेश की शरण में आए हैं। प्रधानमंत्री ने इस क्षेत्र के एक शिक्षक से प्राप्त पत्र को भी याद किया जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ चंबा का विवरण साझा किया था। इस पत्र को प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात में भी साझा किया गया था।

प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि उन्हें चंबा और अन्य दूर-दराज के गांवों के लिए सड़क संपर्क और रोजगार सृजन पर कई परियोजनाओं को शुरू करने का अवसर मिला है। हिमाचल प्रदेश में अपने प्रवास के दिनों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह कहावत बदल रही है कि ‘पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी’, पहाड़ के काम नहीं आती। उन्होंने कहा कि अब पहाड़ के युवा इस क्षेत्र के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्ष 130 करोड़ भारतीयों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के अमृत काल का शुभारंभ हो चुका है। इस अवधि में भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य हासिल करना है। आने वाले कुछ महीनों में हिमाचल की स्थापना के 75 वर्ष भी पूरे होने जा रहे हैं, अर्थात जब भारत आजादी के 100 वर्षों का महोत्सव मनाएगा, तब हिमाचल भी अपनी स्थापना के 100 वर्ष का उत्सव मनाएगा। इसीलिए आने वाले 25 वर्षों का प्रत्येक दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री ने उन दिनों को याद किया जब दिल्ली में हिमाचल प्रदेश का बहुत कम प्रभाव था और इसकी मांगों और हर आग्रह को नजरअंदाज किया जाता था, जिसके परिणामस्वरूप आस्था के महत्वपूर्ण स्थल और चंबा जैसे प्राकृतिक सौंदर्य स्थल भी विकास की दौड़ में पिछड़ गए थे। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिले के रूप में चंबा पर विशेष ध्यान दिया गया क्योंकि वे इस क्षेत्र की क्षमता से परिचित थे। उन्होंने एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना के अंतर्गत केरल के बच्चों के हिमाचल आने पर भी प्रसन्नता व्यक्त की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल को आज डबल इंजन वाली सरकार की शक्ति का एहसास है जिसने राज्य में विकास गति को दोगुना कर दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें केवल उन क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करती थीं जहां काम का बोझ और तनाव कम रहता था और राजनीतिक लाभ अधिक होता था। परिणामस्वरूप, दूरस्थ और जनजातीय क्षेत्रों की विकास दर काफी कम रही। उन्होंने कहा कि सड़क हो, बिजली हो या पानी, ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सबसे आखिर में लाभ मिलता था लेकिन डबल इंजन सरकार की कार्यशैली अन्य से अलग है। हमारी प्राथमिकता यह है कि लोगों के जीवन को कैसे आसान बनाया जाए। इसलिए हम जनजातीय और पहाड़ी इलाकों पर ज्यादा जोर दे रहे हैं। उन्होंने गैस कनेक्शन, पाइप से जल, स्वास्थ्य सेवाएं, आयुष्मान भारत और सड़क संपर्क प्रदान करने जैसे उपायों को सूचीबद्ध किया जो दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्रों में जीवन को बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम गांवों में वेलनेस सेंटर बना रहे हैं, तो साथ ही जिलों में भी मेडिकल कॉलेज खोल रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि कैसे पर्यटन की रक्षा के लिए टीकाकरण में हिमाचल को प्राथमिकता दी गई थी। उन्होंने देश में सबसे तेजी से शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मुख्यमंत्री और उनकी टीम की सराहना की।

ग्रामीण सड़कों के निर्माण के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 तक, आजादी के बाद से 1800 करोड़ की लागत से 7000 किमी की लंबाई वाली ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया था, लेकिन पिछले 8 वर्षों में, 5000 करोड़ वित्तीय परिव्यय के साथ, 12000 किमी सड़कों का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि आज शुरू की गई योजनाओं से 3000 किमी ग्रामीण सड़कें बनेंगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वे दिन गए जब हिमाचल प्रदेश आग्रह लेकर दिल्ली आया करता था। अब हिमाचल नई परियोजनाओं के बारे में जानकारी और इसकी प्रगति और अपने अधिकारों की मांगों के विवरण के साथ आता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों का आदेश उनके लिए सर्वाेच्च है। राज्य के लोग उनके आलाकमान हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इसे अपना सौभाग्य मानते हैं इसलिए लोगों की सेवा करने का अलग ही आनंद है और इससे उन्हें ऊर्जा मिलती है।

पिछले 8 वर्षों में विकास को रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ी, दुर्गम और पूरे देश के जनजातीय क्षेत्रों में तेजी से विकास का महायज्ञ जारी है। उन्होंने कहा कि इसका लाभ केवल हिमाचल के चंबा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पांगी-भरमौर, छोटा-बड़ा भंगाल, गिरिपार, किन्नौर और लाहौल-स्पीति जैसे क्षेत्रों में भी इसका लाभ मिल रहा है। उन्होंने आकांक्षी जिलों की विकास रैंकिंग में दूसरा स्थान हासिल करने के लिए चंबा को बधाई दी।

जनजातीय समुदायों के विकास पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के हाटी समुदाय को जनजाति का दर्जा देने का एक और ऐतिहासिक फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि यह दिखाता है कि उनकी सरकार जनजातियों के विकास को कितनी प्राथमिकता दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल और केंद्र की पिछली सरकारों ने केवल चुनाव के समय ही दूरस्थ और जनजातीय गांवों के बारे में सोचा था, लेकिन आज की डबल इंजन सरकार निरंतर लोगों की सेवा करने का प्रयास करती है। कोरोना महामारी के दौरान गरीब परिवारों को राहत देने के सरकार के प्रयासों को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने निशुल्क राशन कार्यक्रम का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कहा कि दुनिया भारत को आश्चर्य से देखती है कि सरकार पिछले डेढ़ साल से देश में 80 करोड़ से अधिक लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। उन्होंने भारत में कोविड टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता पर भी प्रकाश डाला और इसकी सफलता का श्रेय स्वास्थ्य विभाग के कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी को दिया। उन्होंने कहा कि विकास के ऐसे कार्य तभी संभव होते हैं जब सेवा भावना मजबूत हो।

रोजगार के मामले में पहाड़ी और जनजातीय क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस क्षेत्र की क्षमता को यहां के लोगों की शक्ति में बदलने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में पानी और जंगल की संपत्ति अमूल्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चंबा देश के उस क्षेत्र से संबंधित है जहां जलविद्युत का उत्पादन शुरू हुआ था। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि आज जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई है, उनसे बिजली उत्पादन के क्षेत्र में चंबा और हिमाचल की हिस्सेदारी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि चंबा से  उत्पन्न बिजली से हिमाचल को करोड़ों रुपये का आर्थिक लाभ मिलेगा और यहां के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष भी उन्हें ऐसी 4 बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं का उद्घाटन और आधारशिला रखने का अवसर मिला था। कुछ दिन पहले ही बिलासपुर में आरम्भ हुए हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज से हिमाचल के युवाओं को भी फायदा होगा।

बागवानी, पशुपालन, शिल्प और कला में हिमाचल की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने फूलों, चंबा के चुख, राजमा मदरा, चंबा चप्पल, चंबा थाल और पांगी की थांगी जैसे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय स्वयं सहायता समूहों की प्रशंसा की। उन्होंने इन उत्पादों को देश की विरासत बताया। वोकल फॉर लोकल का उदाहरण देते हुए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों के लिए स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की सराहना की। प्रधानमंत्री ने बताया कि एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत हिमाचल में बनने वाले उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है और वह इन उत्पादों को विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं, ताकि हिमाचल का नाम पूरी दुनिया में विख्यात हो और उत्पादों के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जानकारी मिल सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोहरे इंजन वाली सरकार एक ऐसी सरकार है जो अपनी संस्कृति, विरासत और आस्था का सम्मान करती है। चंबा सहित पूरा हिमाचल आस्था और विरासत की भूमि है। हिमाचल प्रदेश के विरासत और पर्यटन का उल्लेख करते हुए, प्रधानमंत्री ने कुल्लू में दशहरा महोत्सव की अपनी यात्रा का स्मरण करते हुए कहा कि हमारे पास एक तरफ विरासत और दूसरी तरफ पर्यटन है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता और पर्यटन संपदा के मामले में डलहौजी और खजियार जैसे पर्यटन स्थल हिमाचल के लिए प्रेरणा शक्ति बनने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल डबल इंजन वाली सरकार ही इस शक्ति को पहचानती है। हिमाचल ने अपना मन बना लिया है कि अब पुराने रिवाज को बदल कर नई परंपरा का शुभारंभ करना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस विशाल सभा के रूप में वह हिमाचल के विकास और संकल्पों की शक्ति को देखते हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के लोगों के संकल्पों और सपनों को अपना निरंतर समर्थन देने का आश्वासन भी दिया।

इससे पहले, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री को हिमाचली टोपी, शॉल और चंबा रुमाल भेंट करके उनका अभिनंदन किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सदैव हिमाचल प्रदेश के प्रति उदारता और स्नेह दिखाया है, क्योंकि उन्होंने भाजपा प्रभारी के रूप में प्रदेश के कोने-कोने का दौरा किया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में भी नरेन्द्र मोदी नौवीं बार राज्य का दौरा कर रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी प्रधानमंत्री ने हिमाचल का दौरा किया और अटल टनल रोहतांग देश को समर्पित करने के बाद लाहौल-स्पिति जिले के सिस्सू और कुल्लू जिले के सोलंग में जनसभाओं को संबोधित किया था।

मुख्यमंत्री ने एम्स और आईआईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों तथा वंदे भारत एक्सप्रेस के शुभारंभ और बल्क ड्रग पार्क के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि एम्स और बल्क ड्रग पार्क स्वास्थ्य क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ हिमाचल के फार्मास्युटिकल हब को भी मजबूत करेगा। पीएमजीएसवाई-3 के शुभारंभ के लिए भी प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य में सड़कें बेहतर होंगी तथा इनका घनत्व भी बढ़ेगा। 

  मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश में 39,500 किलोमीटर से अधिक सड़कों का नेटवर्क प्रदेश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों को सुविधा प्रदान कर रहा है। इनमें से लगभग 50 प्रतिशत सड़कें पीएमजीएसवाई के तहत बनाई गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इसी योजना के तृतीय चरण में 3200 करोड़ रुपये की धनराशि से ग्रामीण सड़कों का सुदृढ़ीकरण करके इनका कायाकल्प किया जाएगा। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकारों ने ही हिमाचल के लोगों की पीड़ा और कठिनाइयों को महसूस किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के अन्य मानकों में उत्कृष्टता हासिल की है। उन्होंने गत पांच वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों और समाज के कमजोर वर्गों के कल्याण तथा महिला सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का भी विवरण दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर सालाना 400 करोड़ रुपये खर्च किए, जबकि वर्तमान सरकार इस पर लगभग 1300 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार केवल 4 लाख लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दे रही थी, जबकि अभी लगभग 7.50 लाख पात्र लाभार्थियों को पेंशन दी जा रही है। 

मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की है, जबकि इसके कई वरिष्ठ नेता कांग्रेस छोड़ो अभियान पर निकले हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार फिर से सत्ता में आएगी और लोगों की सेवा करती रहेगी।

समारोह में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्य एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद सुरेश कश्यप, वन मंत्री राकेश पठानिया, सांसद किशन कपूर, राज्यसभा सांसद इंदु गोस्वामी, हिमाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष डॉ. हंस राज, मुख्य सचेतक बिक्रम सिंह जरयाल, विधायक पवन नैयर और जिया लाल, प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री भाजपा पवन राणा, वूल फैडरेशन के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, पूर्व मंत्री हर्ष महाजन और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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