राज्य सरकार राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल की सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध: मुख्य सचिव…

हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, हस्तशिल्प, हैंडलूम, पाक कला और लोक परंपराओं को राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने के उद्देश्य से आयोजित 15 दिवसीय हिम महोत्सव का आज दिल्ली हाट में भव्य शुभारंभ हुआ। हिमाचल की सांस्कृतिक पहचान और कलात्मक विरासत को करीब से जानने का अवसर प्रदान करने वाला यह उत्सव 30 नवंबर तक चलेगा।

महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, हैंडलूम एवं हैंडिक्राफ्ट निगम की प्रबंध निदेशक गंधर्व राठौर तथा विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

उद्घाटन समारोह में पारंपरिक लोक वाद्यों की मधुर ध्वनि और हिमाचली संगीत ने कार्यक्रम को और अधिक सजीव और गरिमामय बना दिया।

अपने संबोधन में मुख्य सचिव संजय गुप्ता ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपनी अनूठी सांस्कृतिक विविधता, समृद्ध शिल्पकला, उत्कृष्ट हैंडलूम उत्पादों, विशिष्ट क्राफ्ट्समैनशिप और पारंपरिक व्यंजनों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार निरंतर प्रयासरत है कि हिमाचल की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मजबूती से स्थापित किया जाए। ऐसे आयोजन लोगों को हिमाचल की कला, संस्कृति, परंपराओं और विरासत को नज़दीक से जानने का अवसर प्रदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि हिम महोत्सव जैसे आयोजन स्थानीय शिल्पकारों और कारीगरों को न केवल राष्ट्रीय मंच प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें बदलते बाज़ार की आवश्यकताओं को समझने, ग्राहकों से सीधे जुड़ने और अपने उत्पादों को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने का अवसर भी उपलब्ध कराते हैं। हिमाचल के हस्तशिल्प और हैंडलूम उत्पाद अपनी गुणवत्ता, सुंदरता और मौलिकता के कारण देशभर में विशेष पहचान रखते हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि हिम महोत्सव प्रदेश के शिल्पकारों, कारीगरों, उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को लाभान्वित करने के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश की ब्रांड वैल्यू को राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सुदृढ़ करेगा। यह उत्सव हिमाचल की कला, संस्कृति, प्राकृतिक सौंदर्य, लोक परंपराओं और खान-पान का एक जीवंत संगम प्रस्तुत करता है।

हैंडलूम एवं हैंडिक्राफ्ट निगम की प्रबंध निदेशक गंधर्व राठौर ने बताया कि इस वर्ष महोत्सव में पारंपरिक शिल्प को आधुनिक डिजाइन, फ्यूज़न और वैल्यू एडिशन के साथ प्रदर्शित किया जा रहा है, जिससे आगंतुकों को पारंपरिक विरासत के साथ एक समकालीन अनुभव भी प्राप्त हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष निगम को महोत्सव की नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है, और निगम द्वारा तैयार किए गए विशेष कलेक्शन को आगंतुकों से अत्यधिक सराहना मिल रही है।

इस वर्ष महोत्सव में कुल 86 स्टॉल लगाए गए हैं, जिनमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित स्टॉल भी शामिल हैं। इन स्टॉलों पर ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, पारंपरिक वस्त्र, सजावटी सामग्री और स्थानीय खाद्य उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की जा रही है, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

महोत्सव में प्रतिदिन पारंपरिक लोक नृत्य, संगीत प्रस्तुतियाँ, कलाकारों की लाइव परफॉर्मेंस और हिमाचली व्यंजनों के विशेष स्टॉल आगंतुकों को आकर्षित करेंगे। इस वर्ष चम्बियाली, किन्नौरी, कांगड़ी और सिरमौरी शिल्प, पारंपरिक ऊनी उत्पाद, शॉलें और विशिष्ट कलाकृतियाँ विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। आगंतुक यहाँ सिद्दू, धाम, बबरू, चना मदरा सहित अनेक लोकप्रिय हिमाचली व्यंजनों का स्वाद भी ले सकेंगे।

हिम महोत्सव 30 नवंबर तक प्रतिदिन दिल्ली हाट में आयोजित किया जाएगा, जहाँ आगंतुक हिमाचल प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, शिल्पकला और पारंपरिक व्यंजनों का भरपूर आनंद उठा सकेंगे।