स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व आयुर्वेद मंत्री डॉ. राजीव सैजल की अध्यक्षता में आज यहां क्षेत्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय शिमला की रोगी कल्याण समिति के शासी निकाय की बैठक आयोजित की गई।
इस अवसर पर डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि आयुर्वेद भारत की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति रही है और प्रदेश सरकार द्वारा इसे प्रोत्साहित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आयुर्वेदिक चिकित्सालयों के माध्यम से लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। क्षेत्रीय अस्पताल शिमला में भी सप्ताह भर चौबीसों घंटे आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त यहां आंखों के उपचार के लिए शलाक्य ओपीडी, लीच थैरेपी, अग्निकर्म व कुर्च कर्म, सोरेसिस उपचार सहित क्षार लेप इत्यादि सुविधाएं उपलब्ध हैं। उन्होंने इन उपचार सुविधाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए शिविर आयोजित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि इस चिकित्सालय के उन्नयन के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन व राज्य बजट के माध्यम से पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है। चिकित्सालय में ऑक्सीजन प्लांट व अतरंग अनुभाग, नेत्र अनुभाग व प्रयोगशाला में आधुनिक यंत्र सहित अन्य उपकरणों पर 62.68 लाख रुपये व्यय किए गए हैं। पंचकर्मा कक्ष के उन्नयन, रूक्ष संवेदन कक्ष व पंचकर्म में प्रयुक्त होने वाले उपकरणों की खरीद इत्यादि पर 10 लाख रुपये व्यय किए गए हैं। इसके अतिरिक्त चिकित्सालय के शौचालयों के नवीनीकरण व दिव्यांगजनों के आवागमन के लिए सहायक उपकरणों पर 2.10 लाख रुपये और अग्निशमन सुरक्षा प्रबंधन पर 2 लाख रुपये व्यय किए गए हैं।
बैठक में अवगत करवाया गया कि इस चिकित्सालय के माध्यम से आयुष्मान तथा हिमकेयर योजनाओं के लाभ भी समय-समय पर पात्र लाभार्थियों को प्रदान किए जा रहे हैं। वर्ष 2019 से 2021 तक 556 लोगों को आयुष्मान भारत तथा 944 लोगों को मुख्यमंत्री हिमकेयर योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है।
बैठक में शासी निकाय की पूर्व बैठक में अनुमोदित बजट से किए गए विकास कार्यों का ब्यौरा तथा विभिन्न निर्णयों की कार्यान्वयन रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। इसके अतिरिक्त पिछले तीन वर्षों में रोगी कल्याण समिति की आय व व्यय ब्यौरा भी अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया गया। बैठक में वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत कार्य के लिए 34 लाख रुपये तथा राजस्व कार्य के लिए 22 लाख रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया।
बैठक में गैर सरकारी सदस्यों ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। बैठक की कार्यवाही का संचालन क्षेत्रीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पूनम ने किया।
इस अवसर पर उप सचिव आयुष मीना शर्मा, निदेशक आयुष विनय सिंह, अतिरिक्त निदेशक टशी संडुप सहित शासी निकाय के सरकारी व गैर सरकारी सदस्य उपस्थित थे।