प्रदेश सरकार द्वारा बेसहारा गौवंश के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयास

प्रदेश में गौ-अरण्य क्षेत्रों व बड़े गौ सदनों की होगी स्थापना, आयोग ने 9 गौ सदनों के निर्माण व विस्तार के लिए जारी की 1.20 करोड़ रूपये की राशि
प्रदेश सरकार बेसहारा गौवंश को आश्रय प्रदान करने और इनसे सम्बन्धित समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में सरकार युद्ध स्तर पर बहुआयामी प्रयास कर रही है और इस उद्देश्य से गौ सेवा आयोग का गठन किया गया है।
गौ सेवा आयोग गठित
यह देखने में आया है कि पशुपालकों द्वारा अधिकतर उन गायों व बैलों का परित्याग किया गया है, जिन्होंने दूध देना बंद कर दिया है तथा हल चलाने के अयोग्य बैलों को भी छोड़ दिया जाता हैं। इसके अतिरिक्त कृषि कार्यों में आधुनिक यंत्रों का प्रयोग किए जाने के कारण भी किसान बैलों को बेसहारा छोड़ रहे हैं। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार द्वारा 1 मार्च, 2019 को गौ सेवा आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग में 10 सरकारी सदस्य, 10 गैर-सरकारी सदस्य व 10 विशेष आमंत्रित सदस्य हैं। आयोग के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने हेतु सरकार ने मंदिर न्यासों की 15 प्रतिशत आय और शराब पर गौवंश सैस का एक रुपया प्रति बोतल लगाने का निर्णय लिया था, जिससे 7.95 करोड़ की राशि आयोग के खाते में प्राप्त हुई है।
लमलैहड़ी में बनेगा सेक्स साॅर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र
प्रदेश सरकार द्वारा 47.50 करोड़ रुपये की लागत से एक सेक्स साॅर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र स्थापित किया जा रहा है। इस केन्द्र की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा व प्रदेश सरकार को केवल 10 प्रतिशत धन ही खर्च करना पड़ेगा। इस केन्द्र में देसी नस्ल की गाय के लिए ऐसे इंजेक्शन तैयार किए जाएंगे, जिससे केवल मादा बछड़ी ही पैदा होंगी। इस सेक्स साॅर्टिड सीमन फैसिलिटी केन्द्र की स्थापना के लिए कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र के लमलैहड़ी में 740 कनाल भूमि का चयन कर लिया गया है। इससे सड़क पर बेसहारा पशुओं की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिलेगा तथा किसान पशुधन गतिविधियां अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

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