शिमला,,,हिमाचल सरकार कर्ज़ की बैसाखियों के सहारे चल रही है। जनवरी माह में एक बार फिर सरकार लोन लेने जा रही है। सरकार ने फिर 500 करोड़ लोन के लिए आवेदन कर दिया गया है। 22 जनवरी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से यह राशि मिल जाएगी। हैरानी की बात ये है कि सरकार पुराने लोन को चुकता करने के लिए 500 करोड़ लोन लेने जा रही है। सरकार पर कर्ज का बोझ 54 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। सरकार बनाते ही मुख्यमंत्री ने कर्ज का राग अलापना शुरू कर दिया था। लेकिन मौजूदा सरकार भी फजूलखर्ची पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हुई है।
मंत्रियों के लिए महँगी गाड़ियां, मुख्य सचेतक का पद सृजित करना, नए आयोग बनाना, बढ़ती हवाई यात्राएं व आय दिन जश्न पर फजूलखर्ची, प्रदेश की चिंता किसको है। सत्ता मिली है तो लूट लो। गौर रहे कि कांग्रेस सरकार की विदाई के समय ये लोन 46 हज़ार करोड़ का था जो अब 54 हज़ार करोड़ का पहुंच गया है व नए 500 करोड़ के लोन के साथ 60 हज़ार करोड़ तक पहुंच जाएगा। विकास की गति लोन के सहारे चल नही सकती। लोन सरकार के एशोआराम व कर्मचारियों के वेतन पर ख़र्च हो रहा है ऐसे में जनता सरकार बदलने के अलावा करे भी तो क्या?