आस्था अस्पताल मामला : तीन हफ्ते बाद भी मेडिकल नेग्लिजेंसी की छानबीन अधूरी , डीसी से फिर मिले परिजन, दो दिन का मिला भरोसा हमीरपुर / रजनीश शर्मा हमीरपुर के आस्था अस्पताल में ऑप्रेशन के बाद हुई एक महिला की मौत मामले में मेडिकल नेग्लिजेंसी की जांच तीन हफ़्ते बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। 38 साल की एक स्कूल शिक्षिका अमिता जिसे डाक्टरों की कथित लापरवाही के चलते अपनी बेटी, पति और बीमार सास को हमेशा के लिए छोड़कर दुनिया से जाना पड़ा, उसके परिजनों को अभी तक न्याय न मिल पाया है।इस मामले में लोगों का आक्रोश आस्था अस्पताल प्रशासन के ख़िलाफ़ सड़कों पर भी देखने को मिला था । हैरानी यह हो रही है कि कुछ दिन पहले जिस महिला की मौत की कहानी पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य महकमे से लेकर हमीरपुर के हर व्यक्ति की जुबान पर थी, मात्र एक माह में ही लग रहा है जैसे कुछ हुआ ही नहीं। ऐसे लगता है कि जैसे जांच अधिकारी से लेकर इस मामले में संलिप्त हर कोई इस बात का इंतजार कर रहा है कि मामले को धीरे-धीरे भुला दिया जाए। बता दें कि 9 अक्तूबर देर रात हुई इस मौत के मामले में परिजनों के प्रदर्शन के बाद 16 अक्तूबर को मेडिकल कमेटी गठित की गई थी। उस वक्त कहा गया था कि दो सप्ताह के भीतर जांच पूरी होगी। आज तीसरा सप्ताह भी खत्म होने को आया लेकिन एक ही जवाब मिल रहा है कि जब रिपोर्ट आएगी तो बता दी जाएगी।
इस संदर्भ में ब्राहलड़ी गाँव की मृत शिक्षिका अमिता के परिजन बुधवार को उपायुक्त हमीरपुर से मिले और अब तक हुई जाँच बारे जानकारी प्राप्त की ।
परिजनों के साथ आए सुमन भारती ने बताया कि डीसी हरिकेश मीणा ने उनकी बात को ध्यान से सुना और सीएमओ हमीरपुर से बात कर पूरी जानकारी प्राप्त की । उन्होंने सीएमओ को आज ही गाँव से प्रतिनिधिमंडल से मिलने बारे निर्देश भी दिए ।
इस बारे में उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने बताया कि निजी अस्पताल , पोस्ट्मॉर्टम रिपोर्ट व डाक्टरों की ज़िम्मेदारी को लेकर जाँच रिपोर्ट लगभग तैयार है। एक दो दिन के अन्दर इस पर फ़ैसला ले लिया जाएगा ।

आस्था अस्पताल मामला : तीन हफ्ते बाद भी मेडिकल नेग्लिजेंसी की छानबीन अधूरी , डीसी से फिर मिले परिजन, दो दिन का मिला भरोसा
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